Monday 11 November 2013


       हाइकु

१.       गूंजे दुन्दुभी
लिए संकल्प साथ
शंख नाद सी
 
   २.       स्वप्न सजे
रह गए अधूरे
माँ बनने के  

३.       कैसी ठिठोली
बूँदें गिरी नभ से
भीगी न चोली  

४.      श्रृंगार बिना
लगता है मुझको
दर्पण कोरा 

५.      बजे संगीत
पायलिया के जैसा
मन घायल 

६.      भरा समुन्द्र
फिर भी मैं प्यासी
सूखी रेती सी 

७.       सांझ की बेला
 लगता धरा पर
 रंग उकेरा 

८.      निखरा रूप
अविस्मरणीय है
लगता खूब 

९.      उम्र गुज़री
समझ भी न पाई
रही अधूरी 

१०.   भीड़ में कहीं
 दिवस बीत गया
 शाम हो गयी 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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