हाइकु ..शीत ऋतु पर
हिमानी रात
हवाओं की आंधियां
जग है शांत
थकी सी धूप
चादर ओढ कर
नभ में सोई
धुंध से ढकी
वृक्षों की टहनियां
मन उदास
क्रोधित वायु
उड़ाकर ले गई
पेड़ों से डाल
श्वेत सी शाख
पी रही ठंडा जल
विधि का दान
सिकुड़ी बिल्ली
ढूंढ रही मंजिल
राह बर्फीली
धूप न गर्म
चिल चिलाती ठण्ड
शीतल तन
सविता अग्रवाल "सवि"
हिमानी रात
हवाओं की आंधियां
जग है शांत
थकी सी धूप
चादर ओढ कर
नभ में सोई
धुंध से ढकी
वृक्षों की टहनियां
मन उदास
क्रोधित वायु
उड़ाकर ले गई
पेड़ों से डाल
श्वेत सी शाख
पी रही ठंडा जल
विधि का दान
सिकुड़ी बिल्ली
ढूंढ रही मंजिल
राह बर्फीली
धूप न गर्म
चिल चिलाती ठण्ड
शीतल तन
सविता अग्रवाल "सवि"
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